Tuesday, February 28, 2017

समकालीन कला



केन्द्रीय ललित कला अकादेमी ने 'समकालीन कला' के एक अंक के अतिथि संपादन का दायित्व आपके इस मित्र को दिया था। यह अंक ४९ है.

आभारी हूं, मेरे आग्रह को स्वीकार करते नर्मदा के अनथक यात्री अमृतलाल वेगड़, प्रिय कवि, गद्यकार गीत चतुर्वेदी, कलाकार एवं लेखक देव प्रकाश चौधरी, सुप्रसिद्ध ध्रुवपद गायिका डॉ. मधुभट्ट तैलंग, भाषा शास्त्री देवर्षि कलानाथ शास्त्री, ख्यातिलब्ध कला अध्येता श्रीकृष्ण जुगनू, 'कला दीर्घा' के संपादक अवधेश मिश्र, स्तम्भकार पंकज चतुर्वेदी, राजस्थानी—हिन्दी के ख्यात लेखक अतुल कनक, राजस्थान ललित कला अकादेमी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. भवानीशंकर शर्मा, कलाकार और कवि कुमार अनुपम,कलाकार विनय शर्मा आदि ने मेरे लिए लिखा।



अंक की सामग्री कलाओं के अंत:संबंधों पर ही अधिक केन्द्रित है। आवरण सुप्रसिद्ध कलाकार हिम्मतशाह का है। 

अमर उजाला, रविवारीय 7  फरवरी 2017 


दैनिक नवज्योति, रविवारीय 19 फरवरी 2017 

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